आम फलो का राजा कहा जाता है | ब्यापारिक तोर पर इसकी खेती समुंद्र तल से 600 मिटेर की ऊंचाई तक सफलता पुर्बक किया जाता है
परजातियाँ
आम के पेड़ लगाने से पहले वो कौन-कौन सी उन्नतशील प्रजातियाँ है?
हमारे देश में उगाई जाने वाली किस्मो में, दशहरी, लगडा, चौसा, फजरी, बाम्बे ग्रीन, अलफांसो, तोतापरी, हिमसागर, किशनभोग, नीलम, सुवर्णरेखा,वनराज आदि प्रमुख उन्नतशील प्रजातियाँ है|
सागौन का पौधा
आंबला के पौधा
आँवला युफ़ोरबिएसी परिवार का पौधा है। यह भारतीय मूल का एक महत्वपूर्ण फल है। अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण यह पुरे विश्व में प्रसिद्ध है प्रति इकाई उच्च उत्पादकता (15-20 टन/हेक्टेयर), विभिन्न प्रकार की भूमि (ऊसर, बीहड़, खादर, शुष्क, अर्धशुष्क, कांडी, घाड़) हेतु उपयुक्तता, पोषण एवं औषधीय (विटामिन सी, खनिज, फिनॉल, टैनिन) गुणों से भरपूर तथा विभिन्न रूपों में (खाद्य, प्रसाधन, आयुर्वेदिक) उपयोग के कारण आँवला 21वी सदी का प्रमुख फल हो सकता है।
आँवले के पौधों के प्रत्येक भाग का आर्थिक महत्व है। इसके फलों में विटामिन ‘सी’ की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इसके फल लवण, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, लोहा, रेशा एवं अन्य विटामिनों के भी धनी होते हैं। इसमें पानी 81.2%, प्रोटीन 0.50%, वसा 0.10%, रेशा 3.40%, कार्बोहाइड्रेट 14.00%, कैल्शियम 0.05%, फोस्फोरस 0.02%, लोहा 1.20 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन ‘सी’ 400-1300 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन ‘बी’ 30.00 (माइक्रो ग्रा./100 ग्रा.) पाये जाते है।
+91 8252281522
परजातियाँ
आम के पेड़ लगाने से पहले वो कौन-कौन सी उन्नतशील प्रजातियाँ है?
हमारे देश में उगाई जाने वाली किस्मो में, दशहरी, लगडा, चौसा, फजरी, बाम्बे ग्रीन, अलफांसो, तोतापरी, हिमसागर, किशनभोग, नीलम, सुवर्णरेखा,वनराज आदि प्रमुख उन्नतशील प्रजातियाँ है|
सागौन का पौधा
आंबला के पौधा
आँवला युफ़ोरबिएसी परिवार का पौधा है। यह भारतीय मूल का एक महत्वपूर्ण फल है। अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण यह पुरे विश्व में प्रसिद्ध है प्रति इकाई उच्च उत्पादकता (15-20 टन/हेक्टेयर), विभिन्न प्रकार की भूमि (ऊसर, बीहड़, खादर, शुष्क, अर्धशुष्क, कांडी, घाड़) हेतु उपयुक्तता, पोषण एवं औषधीय (विटामिन सी, खनिज, फिनॉल, टैनिन) गुणों से भरपूर तथा विभिन्न रूपों में (खाद्य, प्रसाधन, आयुर्वेदिक) उपयोग के कारण आँवला 21वी सदी का प्रमुख फल हो सकता है।
आँवले के पौधों के प्रत्येक भाग का आर्थिक महत्व है। इसके फलों में विटामिन ‘सी’ की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इसके फल लवण, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, लोहा, रेशा एवं अन्य विटामिनों के भी धनी होते हैं। इसमें पानी 81.2%, प्रोटीन 0.50%, वसा 0.10%, रेशा 3.40%, कार्बोहाइड्रेट 14.00%, कैल्शियम 0.05%, फोस्फोरस 0.02%, लोहा 1.20 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन ‘सी’ 400-1300 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन ‘बी’ 30.00 (माइक्रो ग्रा./100 ग्रा.) पाये जाते है।
No comments:
Post a Comment